बुधवार, 29 अक्तूबर 2014

Positive thinking people are welcome-सकारात्मक सोच वालों का स्वागत है: राजेश

रोजगार मेला को संबोधित करते संपादक राजेश सिंह क्षत्री
25 जून 2012 को डाईट जांजगीर में आयोजित रोजगार मेले में पंचायत की मुस्कान के द्वारा भी सहभागिता निभाई गई। आपकी अपनी बहुरंगी हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान में इस मेले के माध्यम से विज्ञापन सहायक के 9 पदों पर नियुक्ति की जानी थी। रोजगार मेले में सबसे पहले मेले में आए बेरोजगारों को नियोजकों के द्वारा संबोधित किया जाना था। इसी कड़ी में पंचायत की मुस्कान के संपादक राजेश सिंह क्षत्री ने भी मेले में आए बेरोजगारांे को संबोधित किया। यह राजेश सिंह क्षत्री के सारगर्भित उद्बोधन और पंचायत की मुस्कान के जांजगीर चांपा जिले में लोकप्रियता का ही असर रहा कि लोग पंचायत की मुस्कान के साथ जुड़ने और विज्ञापन सहायक के पद पर महज 6000 रूपए में कार्य करने के लिए टूट पड़े। पंचायत की मुस्कान के पास एक ही दिन में इतने लोगों के आवेदन पत्र आ गए जितने बड़े-बड़े मीडिया समूहों के पास पूरे प्रदेश में की जा रही भर्ती के समय भी नहीं आ पाते। 25 जून को पंचायत की मुस्कान के पास कुल 333 लोगों ने अपने आवेदन पत्र जमा कर साक्षात्कार दिलाए वहीं पंचायत की मुस्कान ने भी उन्हें निराश नहीं किया और 9 की जगह 12 लोगों की नियुक्ति विज्ञापन सहायक के पद पर की। पंचायत की मुस्कान के संपादक राजेश सिंह क्षत्री के संबोधन के प्रमुख अंश यहां प्रस्तुत है-

साथियों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारतीय संविधान में लोकतंत्र के तीन स्तंभ व्यवस्थापिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका का वर्णन है। वर्तमान समाज में मीडिया को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ माना गया है। पंचायत की मुस्कान लोकतंत्र का वही चैथा स्तंभ है। पंचायत की मुस्कान को जांजगीर चांपा जिले से प्रकाशित पहली पूर्णतः रंगीन मासिक पत्रिका होने का गौरव प्राप्त है। मार्च 2011 में पंचायत की मुस्कान के प्रथम अंक के प्रकाशन के बाद से अब तक यह पत्रिका लगातार नियमित रूप से प्रकाशित होते आ रही है। अत्यंत अल्प समय में ही पंचायत की मुस्कान की अपनी एक अलग पहचान है। जिले के सेमरा, बिर्रा जैसे छोटे-छोटे गांवों में पंचायत की मुस्कान की सौ से ज्यादा प्रतियां जाती है जो हमारे लिए गौरव की बात है। आज पंचायत की मुस्कान जांजगीर चांपा जिले के सभी विकासखण्डों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, कांकेर, जशपुर, बलौदाबाजार, बलरामपुर आदि जिलों सहित अन्य राज्य मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं बिहार तक पंहुच रही है। वहीं इंटरनेट पर पंचायत की मुस्कान सर्च कर विश्व के किसी भी कोने से इसे पढ़ा जा सकता है। आज समाज में मीडिया की भूमिका से हम सभी अवगत हैं। मीडिया में कार्यरत लोगों को समाज में प्रतिष्ठा की नजरों से देखा जाता है वहीं मीडिया के लोगों को अपने कार्य के सिलसिले में एक संत्री से लेकर एक मंत्री तक सभी से मिलना होता है। मतलब साफ है, पंचायत की मुस्कान परिवार के साथ जुड़कर आपको मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा तो प्राप्त होगी ही, यह आपके व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा। पंचायत की मुस्कान के लिए अपने सहयोगी के रूप में हमें सभी विकासखण्डों में विज्ञापन सहायक की आवश्यकता है जिसके लिए प्रारंभिक वेतनमान 6000 रूपए मासिक है।

किसी ने ठीक ही कहा है, हर सुबह सो कर उठने के बाद आपके पास दो विकल्प होते हैं। पहला मीठे-मीठे सपने देखने के लिए चादर ओढ़कर फिर से सो जाओ और दूसरा, आलस्य त्यागकर उठो और अपने सपने को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाओ। अगर आप पहली तरह के व्यक्ति हो तो इतना जान लो कि जो व्यक्ति दिन की शुरूवात में अपनी नींद से ही पराजित हो गया उसके आगे बढ़ने के अवसर सीमित हैं वहीं अगर आप दूसरे प्रकार के व्यक्ति हो तो आप किसी भी संस्था में रहो, आपके आगे बढ़ने के अवसर उतने ही ज्यादा है। जिंदगी के प्रति जिनकी सोच नकारात्मक है उनके लिए हम यही कहेंगे कि वो हमसे दूर ही रहे तो ज्यादा अच्छा है वहीं जो सकारात्मक सोच वाले हैं और जिनमें कुछ करने का जुनून है ऐसे लोगों का पंचायत की मुस्कान परिवार में तहे दिल से स्वागत है। आईये, आगे बढि़ए, मीडिया सेक्टर में आपका उज्जवल भविष्य आपका इंतजार कर रहा है। धन्यवाद। जय हिंद। जय छत्तीसगढ़।

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