बुधवार, 29 अक्तूबर 2014

Glamour women of the Growing Media-युवतियों में बढ़ता मीडिया का ग्लैमर

नारद मुनि से प्रारंभ हुआ पत्रकारिता का ग्लैमर आज कितना बढ़ चुका है इसकी बानगी हमें रोजगार मेले कक्ष क्रं0 18 में देखने को मिल रही थी जहां कि बहुरंगी हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान के द्वारा विज्ञापन सहायक के पद पर भर्ती की जानी थी। रोजगार मेला प्रारंभ होने से पहले इस मेले के आयोजक जिला रोजगार अधिकारी सहित हम सभी की सोच यही थी कि मेले के दूसरे कक्षों में तो बेतहाशा भीड़ होगी वहीं हमारे पास इक्का-दूक्का लोग ही पंहुचेंगे, शायद इसी सोच के चलते रोजगार अधिकारी श्री पटेल के द्वारा हमें कक्ष क्रमांक 17 जहां सुरक्षा गार्ड के 150 पदों की भर्ती की जानी थी के पास में पंचायत की मुस्कान को कमरा दिया गया था लेकिन रोजगार मेला प्रारंभ होने के साथ ही पूरे रोजगार मेले का माहौल कुछ और था। मीडिया का ग्लैमर लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था और मेले में हर ओर पंचायत की मुस्कान के ही चर्चे थे। रोजगार मेले में पंचायत की मुस्कान के ग्लैमर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजगार मेले में पंहुचे दूसरे नियोजकों के द्वारा जहां सुबह 10 बजे के बाद से आवेदन पत्र लेने प्रारंभ किए गए वहीं पंचायत की मुस्कान के कक्ष में पहला आवेदन पत्र सुबह 9 बजे ही प्राप्त हो गया था। बाकि नियोजक जहां 4 बजे तक अपना काम समेट चुके थे वहीं पंचायत की मुस्कान के संपादक राजेश सिंह क्षत्री, छत्तीसगढ़ ब्यूरो संतोष कश्यप, जांजगीर चांपा ब्यूरो पंकज यादव, नवागढ़ के हमारे संवाददाता मनीष कर्ष, कोरबा के हमारे सहयोगी रामनाथ चैहान, अविनाश सिंह राठौर के साथ स्वयं मैं और मेरे अन्य सहयोगी साथियों के अथक प्रयास के बाद भी शाम 6 बजे तक पंचायत की मुस्कान में इंटरव्यू का सिलसिला चलता रहा और लोगों की भीड़ जमा रही। शाम को जब हमने विज्ञापन सहायक के लिए हमें प्राप्त आवेदन पत्रों की गिनती की तो वह तीन सौ का आंकड़ा पार कर ट्रिपल थ्री तक पंहुच चुका था। पंचायत की मुस्कान में जमा आवेदन पत्रों में युवकों के साथ बड़े पैमाने पर युवतियों के भी आवेदन पत्र शामिल थे।

यूं तो वर्तमान समाज में युवक और युवतियों को समान अधिकार प्रदान किया गया है लेकिन मीडिया के क्षेत्र में अभी भी इनकी भूमिका सीमित ही है। मीडिया में जो भी युवतियां अपना करतब दिखा रही है अधिकांशतः वो बड़े शहरों में ही रहने वाली है ऐसे में पंचायत की मुस्कान में विज्ञापन सहायक के पद के लिए मीडिया की बढ़ती भागीदारी हमें एक नया हौसला प्रदान करने वाला रहा। पंचायत की मुस्कान में पहले से ही श्रीमती यशवंत रानी प्रसार एवं संपादन के क्षेत्र में परदे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते आ रही है वहीं बम्हनीडीह क्षेत्र में पंचायत की मुस्कान का उत्तरदायित्व श्रीमती संतोषी यादव ने संभाल रखी है। पंचायत की मुस्कान के कोरबा ब्यूरो प्रमुख अविनाश सिंह राठौर की टीम में भी श्रीमती उर्मिला चंद्रा प्रसार एवं विज्ञापन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते आ रही है। वहीं रोजगार मेले में पंचायत की मुस्कान के कक्ष में सबसे पहले 47 नंबर पर जांजगीर की सुनीता चतुर्वेदी ने अपने आवेदन जमा किए जिसके बाद अंत तक युवतियां सक्रिय रही। बम्हनीडीह ब्लाक के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से ग्राम पोड़ीशंकर से ही ममता साहू, बिंदिया साहू, सरस्वती, पूर्णिमा साहू जैसे आधा दर्जन से ज्यादा लोग मीडिया के क्षेत्र में अपने कैरियर की शुरूवात करने के लिए पंहुचे थे। सुनीता के बाद लखुर्री की रूख्मणी आदित्य, बरगंवा की सपना कटकवार, दीपा धीवर, कुसुम आदित्य जांजगीर की शांति दुबे ने अपने आवेदन जमा किए। पहले सौ आवेदन पत्रों में जहां सिर्फ 6 युवतियों के आवेदन पत्र हमें प्राप्त हुए तो वहीं दूसरे सौ में डेढ़ दर्जन युवतियों ने अपने आवेदन पत्र जमा किए वहीं अंतिम 33 आवेदनों में से 25 प्रतिशत से भी ज्यादा 9 युवतियों ने आवेदन पत्र जमा किए। पंचायत की मुस्कान में विज्ञापन सहायक के पद पर लगभग चार दर्जन युवतियों के द्वारा आवेदन पत्र जमा करना देश में बढ़ती बेरोजगारी के साथ-साथ युवतियों में हावी होते मीडिया के ग्लैमर का परिचायक है। इतने व्यापक पैमाने पर युवतियों के आवेदन मिलने पर एकबारगी तो ऐसा लगा मानों युवतियां विज्ञापन सहायक के पद पर करने वाले कार्य को नहीं समझ पा रही होगी लेकिन उनसे साक्षात्कार लेने पर वह आशंका भी जाती रही। साक्षात्कार के समय कुछेक को छोड़कर सभी ने कहा कि उन्हें पता है (या पता चल चुका है) कि इस पद पर फिल्ड में कार्य करके विज्ञापन एकत्रित करनी है वहीं फिल्ड के कार्य के लिए भी वो उत्साहित दिखी। किसी ने कहा कि इस जाब पर आने के बाद वो फिल्ड करने के लिए नई स्कूटी खरीद लेंगी तो किसी ने कहा कि उनके पास पहले से ही टू व्हीलर है जिसे वो चला लेती है। कईयों ने इस पद पर कार्य करने के लिए अपने आप को सर्वाधिक उपयुक्त बताते हुए अपने फिल्ड के कार्य के अनुभव बांटे तो किसी-किसी ने अपने स्कूल और कालेज लाईफ का हवाला दिया कि वो किस प्रकार से अपने साथियों के बीच में बिंदास रहती हैं। युवतियों के प्राप्त आवेदन पत्र भी हमें जांजगीर, चांपा शहरों के साथ-साथ कोटमीसोनार, बरगंवा, तागा, तिलई, बिर्रा, कटनई जैसे जिले के सभी क्षेत्रों और सभी वर्गो से प्राप्त हुए। इन युवतियों के जज्बे को देखते हुए पंचायत की मुस्कान ने भी एकाधिक लोगों को अपने परिवार का हिस्सा बनने का मौका दिया है वहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि अपने कार्य में वो कहां तक सफल होते हैं क्योंकि आवेदन पत्र जमा करने और चयन होने के बाद भी युवतियों के समक्ष परिवार और समाज का लम्बा ताना-बाना रहता है जो कि आज भी नहीं चाहते कि युवतियां फिल्ड में निकले और युवाओं के साथ-साथ कदम से कदम मिलाकर चले। हां, इतना जरूर है कि इन युवतियों को अगर अपने परिवार और समाज का साथ मिले तो आने वाले समय में हमें अपने जिले में भी मीडिया के क्षेत्र में लोकप्रिय नामों में कुछ युवतियों के नाम सुनने को मिल सकते हैं। 

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