बुधवार, 29 अक्तूबर 2014

Growth story-Raniyali-यहां चलती है महिलाओं की हुकुमत

हरियाणा के मेवात के रनियाली गांव की महिला पंचायत ने यहां महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल कायम की है। यह पंचायत हिदुस्तान की दूसरी महिला पंचायत है। जहां पंच से लेकर सरपंच महिला हैं। हिंदुस्तान की पहली महिला पंचायत होने का रिकॉर्ड भी मेवात जिले के नीमखेडा गांव ने बनाया था। सामाजिक एकरूपता की नई इबादत लिखने वाली पंचायत के पदाधिकारियों को एक ही मकसद है कि गांव में शिक्षा की ऐसी बयार चलाएं कि कोई निरक्षर न रह पाए।

गांव के प्राइमरी स्कूल में लडकों से ज्यादा लड़कियों की संख्या है, लेकिन मलाल इस बात का है कि सरकार ने पंचायत की मांग पर भी गांव के स्कूल को अपग्रेड नहीं किया। ऐसे में सुविधा व संसाधनों के अभाव में लड़कियां पढ़ाई छोड़ रही है। बातचीत में ग्रेजुएट सरपंच असमीना बेगम का कहना है कि सरपंच बनने से पहले राजनीति में आने का उनका कोई खास मकसद नहीं था, लेकिन सरपंच बनने के बाद उन्हें आभास और अहसास हुआ कि महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है, बशर्ते जरूरत है पहल की। उन्होंने बताया साढ़े तीन हजार की आबादी वाली ग्राम पंचायत में सरपंच व पाच पंच है। ग्रामीणों ने पंचायत का चुनाव निर्विरोध किया। उन्होने कहा आज मेवात में महिलाओं की जो दशा है वह दयनीय है। इसलिए पंचायत की प्राथमिकता है कि शिक्षा पर विशेष बल दिया जाए। कई-कई किलोमीटर दूर तक मिडिल व हाईस्कूल न होने के कारण लड़कियां पाचवीं के बाद पढ़ नहीं पा रही है, जिसका उन्हे खासा मलाल है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने उपायुक्त व जनप्रतिनिधियों से गांव के स्कूल का दर्जा बढ़ाने की अपील की थी, लेकिन अभी तक कामायाबी नहीं मिली है। उन्होने कहा उनकी लड़कियों को पाचवीं के बाद शिक्षा प्राप्त करने के लिए लगभग आठ-दस किलोमीटर दूर अगोन, 12 किलोमीटर दूर साकरस व 15 किलोमीटर दूर फिरोजपुर झिरका जाना पड़ता है।

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