बुधवार, 29 अक्तूबर 2014

एक सरपंच जो बन गया मुख्यमंत्री

विलासराव महाराष्ट्र के लोकप्रिय नेताओं में से एक थे। वे दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत लातूर जिले के बाभालगांव के सरपंच के रूप में की थी और आज उनकी कामयाबी से सभी वाकिफ हैं। उल्लेखनीय है कि विलासराव ने ही महाराष्ट्र को विकास की नई रफ्तार दी थी। शरद पवार के बाद विलासराव ऐसे पहले नेता थे जिनके नेतृत्व में सबसे अधिक उद्योग महाराष्ट्र में लगे। उनका निधन 14 अगस्त को गुर्दे और लीवर फेल होने की वजह से चेन्नई के एक अस्पताल में हो गया था। विलासराव के परिवार में उनकी पत्नी वैशाली, तीन बेटे अमित, रितेश और धीरज हैं। अमित सभी भाइयों में सबसे बड़े हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं।  वहीं रितेश बॉलीवुड अभिनेता हैं और उनकी पत्नी जेनेलिया डिसूजा भी बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। 

कैसा रहा राजनीतिक जीवन 

विलासराव देशमुख ने एक सरपंच के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वे सर्वप्रथम महाराष्ट्र के लातूर जिले के बाभलगांव ग्राम पंचायत के सरपंच के रूप में चुने गए थे। सन 1974 से लेकर 1976 के दौरान वे सरपंच पद पर रहे। इस कामयाबी के बाद देशमुख उस्मानाबाद जिला पंचायत के सदस्य चुने गए। यहां अपना दबदबा कायम करने के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के लिए टिकट मिली और वे भारी बहुमत से विजयी हुए।  

विधानसभा में चुने जाने के बाद वे कई विभागों के मंत्री रहे। विलासराव देशमुख सन 1999 में वे पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने अपना दूसरा कार्यकाल वर्ष 2008 में पूरा किया। वर्ष 2009 से वर्ष 2011 के दौरान वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इसके बाद उन्होंने केंद्र में भारी उद्योग मंत्रालय तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालयों का जिम्मा भी संभाला। इसके बाद उन्होंने विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला।

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