शनिवार, 25 अक्तूबर 2014

Growth story-Gram Panchayat Nandeli-खुद बेसहारा,सरपंच बन बनी लोगों का सहारा

पंचायत की मुस्कान ग्रामीण विकास पर केन्द्रित पत्रिका है और विकास गाथा इस पत्रिका का एक नियमित स्तंभ है। इस स्तंभ के अंतर्गत हम विकास की कहानी बतायेंगे जो चाहे देश के किसी भी कोने का हो, किसी भी ग्राम पंचायत का हो अथवा व्यक्ति विशेष का हो। हो सकता है विकास गाथा में अगला नंबर आपके ग्राम पंचायत का हो, आपका हो। विकास गाथा स्तंभ के लिए तुरंत फोन करें - 07489405373

तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनों, हिन्दी फिल्म के इस गीत को पैरों से अपाहिज एक लड़की चरितार्थ कर रही है। अपनी विकलांगता के कारण हीन भावना से ग्रसित होने और अपने आपको कमजोर समझने की बजाय लक्ष्मी ने अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश की। अपने गांव को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए लक्ष्मी ने सरपंच का चुनाव लड़ा तथा अपनी जुझारू प्रवृत्ति के कारण वह सरपंच चुनी भी गई। आज कुमारी लक्ष्मी जांजगीर चांपा जिले के ग्राम पंचायत नंदेली की सरपंच है तथा अपने गांव के विकास के लिए भरसक प्रयास कर रही है। 

समर्थ और सशक्त युवतियां अब प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ी है यह बात किसी से छुपी नहीं है मगर जब बात विकलांग होते हुए पूरे गांव का प्रतिनिधित्व करने की आती है तब कुमारी लक्ष्मी पटेल का नाम सामने आता है। महज 23 साल की उम्र में जब युवतियां अध्ययन-अध्यापन में जुटी होती है तो इस उम्र में कुमारी लक्ष्मी ने गांव को विकास के मार्ग पर लाने का बीड़ा अपने सिर पर उठा लिया। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के सक्ती ब्लाक मुख्यालय से महज 2 कि.मी.की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत नंदेली जहां पंचायत चुनाव में अपने 8 विरोधियों को पछाड़ते हुए सरपंच के चुनाव में कुमारी लक्ष्मी पटेल ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर 11 फरवरी 2010 को सरपंच पद की शपथ ली। पैर से पोलियो ग्रस्त कुमारी लक्ष्मी ने गांव में शराबखोरी, जुआ जैसे सामाजिक कुरीतियों को दूर करने महिलाओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही ग्राम सहित आश्रित ग्राम में विकास कार्य कराने वो लगातार सक्रिय रहती है तथा जनप्रतिनिधियों का चक्कर काटती रहती है। एक भेंटवार्ता में युवा सरपंच कुमारी लक्ष्मी पटेल ने बताया कि गांव के साधारण परिवार में जन्मी 4 बहनों में वह सबसे बड़ी है, जन्म के साल भर बाद ही उसके पैर पोलियो से ग्रस्त हो गये जिसके बाद वो अब तक बैसाखी के सहारे ही चल फिर सकती है मगर यह बीमारी उसके हौसले को नहीं डिगा सकी और वो आज एक बड़े पंचायत की ग्राम सरपंच है। कुमारी लक्ष्मी कहती है कि ग्राम पंचायत नंदेली व बोईरडीह मिलकर एक पंचायत है, इससे पहले तक केवल बोईरडीह से ही सरपंच चुने जाते थे और यह पहला अवसर है जब नंदेली से कोई व्यक्ति सरपंच चुना गया है। कुमारी लक्ष्मी पटेल पैर से पोलियो ग्रस्त है जो बैसाखी के सहारे ही चलती फिरती है, मगर उनके हौसले बुलंद है। कुमारी लक्ष्मी बताती है कि गांव में करीब 4 हजार की जनसंख्या है और कुल 18 वार्डों में 4 पुरूष तथा शेष महिला पंच है जिससे उन्हे महिलाओं का सहयोग बढि़या मिलता रहता है। राजनीति में प्रवेश करने के प्रश्न पर कुमारी लक्ष्मी पटेल कहती है कि गांव में विकास लाने तथा कुरीतियों को दूर करने उनके द्वारा सरपंच पद का चुनाव लड़ा गया जिसमें उसे जीत भी मिली और लक्ष्मी गांव के लोगों के विकास के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है हालांकि कुमारी लक्ष्मी पटेल बहुत ज्यादा दिनों तक राजनीति में नहीं रहना चाहती तथा वो किसी सरकारी नौकरी में जाकर वहां भी लोगों की सेवा करना चाहती है। 

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